Suvichar Emotional Kahaniyan New Emotional Story Motivational Kahani Written Moral Stories
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Suvichar Emotional Kahaniyan New Emotional Story Motivational Kahani Written Moral Stories
發佈者 JavenHD
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मेरा नाम रोहन है। मेरी उम्र 23 साल है और मैं दिखने में बहुत ही हैंडसम और स्मार्ट हूँ।
जो भी लड़की मुझे एक बार देख ले तो देखती ही रह जाती है।
एक दिन अपने काम के सिल्सिले में मुझे पुने से बैंगलोर जाना पड़ा।
ये सफर मेरे लिए बहुत जरूरी था इसलिए मैंने इसकी तैयारी पहले ही कर ली थी।
ट्रेन का टिकट मैंने पूरे दो महीने पहले ही बुक कर लिया था ताकि सफर आरामदायक हो।
ट्रेन शाम 7 बजे की थी और मैं समय से पहले स्टेशन पहुँच गया।
जैसे ही ट्रेन आई मैं अपनी सीट पर जाकर बैठ गया।
कुछ समय बाद ट्रेन धीरे धीरे भरने लगी।
हर कोच में भीड बढ़ती जा रही थी।
कुछ लोग अपनी सीटों पर जम गय थे तो कुछ खड़े-खड़े ही जगह तलाशने में लगे थे।
माहौल में हलकी-हलकी गर्मी और शोर था।
तभी मेरी नजर एक महिला पर पड़ी जो भीड में से रास्ता बनाते हुए मेरी ओर आ रही थी।
वह करीब 50 साल की होंगी।
उनके साथ दो लड़कियां थी।
तीनों अपनी जगह तलाशनी शुरू हुई।
मेरे पास आई और मेरे सामने वाली सीट पर बैठ गई।
महिला का नाम निर्मला था।
वह विनम्र स्वभाव की लग रही थी।
उनकी बड़ी बेटी का नाम अंकिता था।
जो लगभग 19 साल की थी।
उसने सलवार कुर्टा पहना हुआ था।
और अपने लंबे बालों को खुबसूरत चोटी में कुंठा था।
उसकी खुबसूरती ने मेरी नजरें उसकी और खीचने लगी।
वही उसकी छोटी बहन का नाम पूजा था।
और वह ****** की थी।
ट्रेन में इतनी भीड थी कि कोई भी जगह दिक्ती थी।
अपने खिड़की के पास बैठ सकती हूँ?
मुझे बहुत गर्मी लग रही है और मुझे बीपी की दिक्कत है।
मुझे भी गर्मी लग रही थी लेकिन मैं अपनी सीट किसी को नहीं देना चाहता था।
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