PADOSHI LADKE SE BUR KI SEAL TUDWA LI MAINE !!!!!

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नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम सपना है और मैं सूरत से हूं. मेरी उम्र 28 वर्ष है और मेरी शादी हो चुकी है, मेरा एक बेटा भी है. आज मैं जो कहानी बताने जा रही हूं, यह मेरी जीवन की एक सच्चाई है. यह घटना आज से सात साल पहले शुरू हुई दास्तान है जो हमारे पड़ोस में रहने आए एक व्यक्ति के साथ शुरू हुई थी. मेरे घर में हम चार लोग थे. मैं, मेरी बहन खुशबू, मां विमला और हमारे पापा अशोक. मेरे पापा एक कपड़े की मिल में मुंशी हैं. मां घर में ही रहती हैं. हम दोनों बहनों की पढ़ाई चल रही थी. मेरा पढ़ाई में मन बिल्कुल भी नहीं लगता था, बस ग्रेजुएशन पूरा कर रही थी. वहीं खुशबू पढ़ने में ज्यादा होशियार थी इसलिए वह सबकी लाड़ली भी थी. खुशबू मुझसे केवल एक साल ही छोटी है. तब मैं 21 साल थी. एक दिन हमारे घर के ठीक सामने एक परिवार रहने आया. उसमें माता पिता और उनका एक लड़का था, जो 25-26 वर्ष का होगा. उस परिवार का परिचय हम सबसे हुआ तो पता लगा कि उस लड़के का नाम विपुल है, वह एक मेडिकल कंपनी में काम करता है. वह अक्सर छत पर दिखता था और हमें ही घूरता रहता था. खुशबू उस पर ध्यान नहीं देती थी, पर मैं भी उसे ही देखती थी.

發佈者 Hritikji12

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परोसी लड़के से बुर की सील तुश्वाली मेने।

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम सपना है और मैं सूरत से हूँ।

मेरी उम्र 28 वर्ष है और मेरी शादी हो चुकी है, मेरा एक बेटा भी है।

आज मैं जो कहानी बताने जा रही हूं, यह मेरी जीवन की एक सच्चाई है।

यह गतना आज से साथ साल पहले शुरू हुई दास्तान है, जो हमारे परोस में रहने आए एक वेक्ती के साथ शुरू हुई थी।

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मेरे घर में हम चार लोग थे।

मैं, मेरी बेहिन खुश्बु, मां विमला और हमारे पापा अशोक।

मेरे पापा एक कपरे की मिल में मुणशी है।

मां घर में ही रहती है।

हम दोनों बहनों की पढ़ाई चल रही थी।

खुश्बु मुझसे केवल एक साल ही चोटी है।

तब मैं इकीस साल थी।

एक दिन हमारे घर के ठीक सामने एक परिवार रहने आया।

उसमें माता, पिता और उनका एक लरका था, जो 25 से 26 वर्ष का होगा।

उस परिवार का परिचे हम सब से हुआ तो पता लगा कि उस लरके का नाम विपुल है।

वह एक मेडिकल कमपनी में काम करता है।

वह अक्सर चठ पर दिखता था और हमें ही घूरता रहता था।

खुश्बु उस पर ध्यान नहीं देती थी पर मैं भी उसे ही देखती थी। मुझे वह अच्छा लगता था।

कुछ दिनों बाद उसके माता, पिता चले गए और अब विपुल अकेला ही रह गया था।

मेरे पापा पर उनके सेट जी को सबसे ज्यादा भरोसा था इसलिए वे पापा के ऊपर ही सारी जिम्मेदारी दिये रहते थे।

इसी कारण से पापा कुछ द्यादा ही व्यस्त रहते थे। वे घर पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते थे। इस कारण से मान अक्सर नाराज रहती थी।

एक बार कुछ काम पढ़ा तो मां बोली जा, विपुल को बुला कर ला। हम दोनों बहनों को थोड़ा अजीब लगा कि ज्यादा जान पहचान नहीं है। और मान उसे बुलाने के लिए पूरे जोश से बोल रही है। मान और विपुल में क्या बात हुई? ये तो पता नही

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