MATA JI ASHRAM 08 RASVANTI18PLUS

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Once, there was a revered Indian monk known as "Mata Ji," who lived in a peaceful ashram nestled amidst a serene forest. Mata Ji was known for her deep wisdom, kind heart, and unique sense of humor. Her disciples adored her, and people from far and wide would come to seek her blessings and guidance.

Video Transcription

कमाल, कमाल है आपकी

दोनों का खुण को थोड़ी देर सुंगने के बाद मैंने ध्यान दिया घड़ी की तरव

अब तो पौने एक बज जुके थे

अब जो हुआ हुआ अब वक्त जादा जाया नहीं कर सकते

मैंने माता जी को बेट के उपर घोड़ी वनने को कहा

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जो भी कहें आपके इसाफसे कुट्या

माता जी, कुट्या वन जाये

गोड़ी गोड़ी

चार पेरों पे जैसे होता ना कुट्या वैसे ही

दो हाथ आगे रखे टांगों को गुट्नों के सारे पीछे रखे

आँ चार पेरों ये आँ ये

क्या करें माता जी को पता ही नहीं है कुछ

मुझे ट्रेनिंग देनी पड़ रही है

अब जब माता जी कुट्या वन कर

मादा कुट्या वन कर

पोज ले गई तो उनका

चुत्तड का जो छेड है वो उबर के दिख रहा था

लेकिन ये कुछ अजीव था

हाँ हाँ ये कुछ अजीव था

मैंने एक उंगली उनके चुत्तड के छेड के पास रखी

उनके चुत्तड के छेड के मसल्स बाहर निकले हुए थे

जबकि नॉर्मली किसी भी इंसान के चुत्तड की

मसल्स अंदर होते हैं

अब इसका राज बाद में पता करेंगे

पहले मैं चुत्तड की छेड को तो देख लूँ

इसका जंग तो जीत लूँ

आज का खेल तो यही है

चुत्तड के साथ लंड

गाण के छेड के साथ नहीं

वरना माता जी क्या सोचेंगी

क्या मवाली है

आते ही गाण के पिछे पड़ गया

कुछ तो समभाल के रखो

रात के एक वजने वाले थे

अब मैंने अपना पूरा ध्यान

चुत्तड की छेड की तरफ केंद्रित किया

पहले तो मैंने चुत्तड की जाटों को अलग किया

धीरे धीरे

और उसके बाद जाके मुझे दिखा

वो चुत्तड का चेड

वो नायाब पुराना खंडर

और वो खंडर के अंदर की गुफा

जिसके लिए इनसान जिन्दा रहता है

शादी करता है

और नहीं तो क्या

इतनी महनत करके पढ़ाई करता है

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