Hindi stori
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एक रमेश नाम का लड़का राता था और वो बहुत अपने गरीबी के कारण
तॉंगी के कारण आ करके इनका उतना रुजिगार कोई नहीं चल रहा था
इसके वज़ासे रमेश जो है कि अपने गाउं में रह करके मजदूरी किया करता था
लेकिन एक दिन का ऐसा घातना हुगा कि इनकी जो माता जी थी वो बुढ़ी हो चुकी थी
और वो बोली कि बेटा तुम अब साधी कर लो हम कब तक जीएंगे
जब तक सास है तो हम तुमको दो रोटी सेंक कर दे रहे हूं तुम खा रहे हो
और दिन भर का मजदूरी जा कर करते हो तुम भी साम को आते हो तो ठक जाते हो अगर तुम्हारी बीबी होगी तो तुम्हें पैर दबाएगी थोड़ा तुम्हें बिशराम मिलेगा तुम्हें आराम मिलेगा क्योंकि दिन भर इतना मेहनत वाला काम करते हो बुरियड होते
हो तुम सादी कर लोगे तो घर में पतनी आ जाएगी तो सुखी से तुम्हारा जीवन बेतित होगा और हम तो बुरी हो चुके हैं हमारा क्या है आज नहीं तो कल हम तो चले जाएगे लेकिन अगर हम अपने जिन्दगी में तुम्हारी सादी कर देंगे तो हम तृत हो जा�
जाएगे तो रमेश सोचता है कि चलो माता जी जो कह रही है तो वो भी बात सही ही कह रही है और रमेश और सुरेश दो भाई होते हैं और इन दोनों भाईओं में बटवारा हो चुका था रमेश के पास मत्र अपना चार कथा जो जमीन था इनको चार कथा और दूसरे भाई
को चार कथा आठ कथे का जमीन में से चार चर कथा दोनों भाईओं को मिल जाता है और इसके बाद इनकी माता जी अपने बेटे से रमेश से तंग करती है परशान करती है कि नहीं तुम सादी कर लो इतने मैं दूरी करते हो दिन भर रमेश भी सोचता है और इसके पास एक र
प्रशान पर पड़ी हुई थी और रमेश बेचारा यहां पच्वा चठा कलाश तक पढ़ा हुआ था उसके बाद ऐसे तैसे करके रमेश की सादी चेह महिना बाद हो जाती है और होने के बाद पतनी बोलती है रमेश से कि हमें पढ़ने का इक्षा है हमें पढ़ाईए रम
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