Hindi new story Son-in-law fucked me at home, Hindi Indian voice story
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How about a heartwarming story about a young woman who returns to her ancestral village after many years of living in the city? She rediscovers her roots, reconnects with her family, and finds love in unexpected places. Along the way, she learns valuable lessons about tradition, community, and the true meaning of home.
發佈者 soniya_8528
Video Transcription
नमस्टे दोस्तों, मेरे नाम तमन्ना है और मैं उत्र प्रदेश के चोटी से गाउं की रहने वाली हूँ.
रंग सावला है, मेरे उम्र 42 साल की है, चुछी आठे सिंच की, कमर 30 की, और गाण 40 सिंच की.
हाऊस वाइफ हूँ मैं.
अकसर हलकी कपड़े पहनना जाधा पसंद करती हूं, वैसे तो हर तरक की कपड़े पहनती हूं, पर जाधे तरे साडी.
हर साडी के साथ मेरा बलाउस बहुत डीप नेक का होता है. साडी भी काफी खुली होती है, जिसमें से मेरी चुछीयों की बीच की काफी गहरी दरार, चरक्ती जवानी, लचली कमर, और मोटी सी गाण किसी से भी चुपी नहीं रहती.
मेरी गाण बड़ी होनी की वज़े से, जब मैं मटक कर चलती हूं, तो पीछे से मैं और भी ज़ाधा सिक्सी दिखती हूं.
अपनी शारीरिक परीजे के बाद, अब सीधे आपको सेक्स की कहानी पर लिकराती हूं.
मेरी परिवार में मेरे अलावा तीन और लोग हैं.
मैंने अबी एक साल पहले उसकी शादि एक बहुत अच्छी घर में, गोरकपूर में कर दी.
अब हमारे घर का खर्चा गाउं में खेती बाड़ी से चलता है, जिसको मेरे बड़े जीट देखते हैं.
उसमें वो आदा हिस्सा हम लोगों को अनाज और पैसे की रूप में देई जाते हैं.
फसल बेचकर बैंक में जमा रहती है, जिससे हर महीने का खर्च बड़े आराम से चल जाता है.
अब बेटी की शादि समझ लिजे की मैंने अकीली की दम पर की थी.
उसको ससुराल में बहुत अच्छी मिल गई, इसलिए उसकी चिंता से तो मैं मुक्त हो गई हूँ.
उसके ससुराल में न वो अकीली औरत है, इसलिए वो लोग उसे एकडम देबी की तरह रखते हैं.
मेरे बेटी की ससुर की पत्नी, यानि उसकी सास का देहान बहुत पहले हो गया था, और मेरे समझी के दूसरा बेटा, यानि जो मेरे बेटी का दीवर है, उसकी जनन के समझ ही चल बसी थी.
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