Happy by pressing med's bobs
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Made me happy by pressing maid's boobs and said to leave tomorrow
發佈者 Nehahot69
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जब जब तेरे पास मैं आया एक सुकून मिला
जिसे मैं था भूलता आया वो वजूद मिला
जब आये मौसम घम के तुझे याद किया
जब सहमे तनहापन से तुझे याद किया
दिल संभल जा जरा फिर महाबत करने चला है तू
दिल यही रुक जा जरा फिर महाबत करने चला है तू
एसा क्यूं कर हुआ जानूना मैं जानूना
दिल समभल जा जरा फिर महाबत करनी चला है तू
दिल यही रुक जा जरा फिर महाबत करनी चला है तू
जिस राह पे है घर तेरा
अक्सर वहां से हाँ मैं हूं गुज़रा
शायद यही दिल मेरा हाँ
तू मुझको मिल जाए क्या पता
क्या है ये सिलसला
जानूना मैं जानूना
दिल संभल जा ज़रा
फिर महाबत करने चला है तू
दिल यही रुक जा ज़रा
फिर महाबत करने चला है तू
पुछ भी नहीं जब दर्मिया फिर क्यों है दिल तेरे ही ख़ौब भुनता
चाहा की दें तुझ को भुला पर ये बिमुमकिन हो ना सका
यह यह... यह�
यह यह... यहय
समहल जा जड़ा
करने चला है तू दिल
यही रुक जा जड़ा
फिर महाबत करने चला है तू दिल
समझल जा जड़ा
फिर महाबत करने चला है तू
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