Barish Ke Raat Muskan Ki Chudai

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Ek raat ki baat hai bahar bohot tej barish ho rahi thi, achanak mera mobile baj utha maine dekha to vo muskan ka phone tha, baat kari to pata chala vo terrace par pair fisal kar gir gayi thi

Video Transcription

मुस्कान दीदी को बिलकुल कमर के निचले हिस्से में दर्द हो रहा था।

मुझे उन्हें वहाँ तेल लगाने के लिए उनकी कुर्ती और सलवार भी नीचे करनी थी।

दीदी, मैं आपकी सलवार थोड़ी नीचे करूँ।

हां, लेकिन पहले तुम्हें उसके लिए मेरा नाडा खोलना होगा।

तुम जरा, जरा नीचे हाथ डालकर मेरा नाडा खोल दोगे।

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एक तो मुस्कान दीदी को ऐसा उलटा लेटा देख मेरे लंड ने पैंट में तुफान मचा रखा था।

और अब मुस्कान दीदी बोल रही थी, उनके नीचे हाथ डालकर मैं उनका नाडा खोल दूँ।

मुझे दर था कि कही फिर से मेरा लंड पैंट से बाहर ना निकल आय।

यहीं सोचते हुए मैंने मुस्कान दीदी के नीचे हाथ डाला।

लेकिन उनकी कुर्टी के वजह से मैं अंदर सलवार के नाडे तक नहीं पहुच पारा था।

तो मैंने कुर्टी को उपर करके अंदर हाथ डाला।

और गलती से मेरा हाथ कुछ ज्यादा ही उपर हो गया और उनके पेट पर चला गया।

मुस्कान दीदी के मक्खन से मुलायम पेट पर मैं हाथ गुमा रहा था उनका नाडा ढूंडने के लिए

कि तभी मेरा हाथ उनकी नाभी पर आ गया।

उसको छूते ही मैं वहीं रुख गया।

मुस्कान दीदी की नाभी बेहत छोटी थी और गोल सी थी।

उसके छूने के एहसास से पता नहीं क्यों, मैं अपनी एक उंगली को उस पर गोल गोल घुमाने लगा।

क्या हुआ समीर? नहीं कुछ नहीं दीदी।

मुस्कान दीदी ने निकर पहन रखा था, जिसका काले रंग का ऊपरी हिस्सा मुझे नजर आ रहा था।

उसको थोड़ा नीचे करे बगए दीदी को तेल लगाना मुमकिन नहीं था।

सो मैंने उनसे कहा, दीदी, वो आपका वो निकर नीचे करना होगा।

हाँ तुम्हे लगे उतना नीचे कर लो।

ये कहते हुए दीदी ने अपने कमर को थोड़ा ऊपर उठा लिया, जिससे मुझे निकर नीचे करने में आसानी हो।

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